अगर मैं आपको कहूं कि आप सिर्फ दसवीं पास भी हैं तो आप ₹25000 महीना कमा सकते हैं तो क्या आप यकीन करोगे नहीं ना लेकिन आपको यकीन करना होगा क्योंकि जॉब ही एक ऐसी ट्रस्टेड कंपनी की तरफ से आ रही है कि वह दसवीं पास को भी जॉब दे रही है.
तो आज जिस जॉब अपॉर्चुनिटी के बारे में हम आपको बताने वाले हैं उस कंपनी का नाम है Blinkit

बहुत से ऐसे ही उधर है जिनके पास कोई भी Skill नहीं है लेकिन उन्होंने 10वीं और 12वीं पास कर ली है और वह चाहते हैं कि उसी के ऊपर बने कुछ जॉब मिल जाए, तो जब तक आप यह पूरा आर्टिकल पढ़ लोगे आप के दिमाग में सब कुछ आ जाएगा कि आपको जॉब के लिए अप्लाई कैसे करना है कैसे जॉब मिलेगी लोकेशन क्या है सब कुछ हम आपको इस आर्टिकल में डिटेल में बताने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं.
जॉब के बारे में
जॉब के क्या फायदे हैं क्या सैलरी मिलेगी यह सब आपको बताने से पहले मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि आखिर जॉब ज्वाइन करने के बाद आपको काम क्या करना पड़ेगा।
हो सकता है कि आप में से बहुत से लोग मेट्रो सिटी में रहते हो जहां पर ऑनलाइन सामान मंगाना या फिर ग्रॉसरी मंगाना, तो आपको यहां पर इनके जो वेयरहाउस है उनके अंदर जाकर यह सब जो आर्डर जाते हैं उनकी पैकिंग करनी है.
ना आपको यहां पर कोई वजन उठाना है ना कोई भी भारी भरकम काम करना है बस यहां पर आपको जाना है और क्यों ऑर्डर चाहते हैं उनको पैक करना है जैसे कि साबुन शक्कर यह जो घर में इस्तेमाल होने वाली चीजें होती है उनकी पैकिंग करनी है.
और बस इसी तरह का आप का काम रहने वाला है आप ज्यादा जानकारी के लिए इनकी ऑफिशल साइट पर जा सकते हैं जो कि हमने नीचे दी है
Shift:- आपको यहां पर दिन का 9 घंटा काम करना होगा, और यहां पर आपका जो टाइमिंग रहेगा वह सुबह का भी हो सकता है वह शाम का भी रह सकता है.
Transportation:- देखिए अगर आप इनकी कंपनी ज्वाइन करते हो तो आपको अपने घर से लेकर इनके वेयरहाउस तक ले जाने की इनकी खुद जिम्मेदारी यह लोग लेते हैं.
medical insurance :-यहां पर आपको मेडिकल इंश्योरेंस भी मिलता है, लेकिन सबसे बड़ी बात कि यहां पर आपकी जो भी शिफ्ट है उस shift के हिसाब से आपको एक समय का खाना मुफ्त में दिया जाएगा इनकी तरफ से.
Pf:- ज्वाइन कर लेने के बाद आपका इनकी तरफ से एक अकाउंट बना दिया जाएगा जो कि PF अकाउंट होगा जिसके बारे में आप यूट्यूब के ऊपर और ज्यादा जानकारी ले सकते हैं और जब आप जॉब छोड़ देते हो तब आपको यह PF मिलता है.
तो इस जॉब को ज्वाइन करने के आपको क्या-क्या बेनिफिट्स मिलेंगे वह तो हमने आपको ऊपर बता दिया आप यह देखते हैं कि इस जॉब को ज्वाइन करने के लिए कंपनी की क्या रिक्वायरमेंट है
जैसे कि आप नीचे की इमेज में देख सकते हो यह सारे पॉइंट आपके क्लियर होनी चाहिए तभी आप इस कंपनी में जॉब कर सकते हो.
- you must be at least 18 years old
- minimum education qualification – 10th pass certificate
- basic English reading/writing skills
- copy of Aadhaar card & PAN card
- valid bank account
सैलरी :-
तो देखिए यहां पर अगर आप जॉब ज्वाइन करते हो तो आपको 20 से 25000 महीना तो मिलेगा ही.
लेकिन अगर आप कभी नाइट शिफ्ट करते हो एक्स्ट्रा ड्यूटी करते हो तो आपको उसका अलग से बोनस भी मिलेगा,
ट्रेनिंग:-
जब आप यहां पर ज्वाइन करोगे तो आपको पहले ट्रेनिंग दी जाएगी और उसके बाद आपको यहां पर काम पर रख लिया जाएगा.
तो दोस्तों जितने भी जरूरी चीजें हैं वह सब कुछ मैंने आपको यहां पर बता दिए हैं अब आपको सीधा जाना है और जॉब के लिए अप्लाई करना है तो अप्लाई करने के लिए नीचे क्या अप्लाई बटन पर क्लिक कीजिए और इस जॉब के लिए अप्लाई कीजिए.
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नवरात्रि का दूसरा दिन शुभकामनाएं आपको
Thank you…mam it is useful….you are great…..
Navratri Special ………………………………………………………………………………………..
उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल और मंदिर
उत्तर प्रदेश भारत में सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसे 64 करोड़ देवी- देवतायों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। वास्तु चमत्कार और इतिहास से भरा, यह राज्य कई महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों जैसे मथुरा-वृंदावन, वाराणसी, अयोध्या, इलाहाबाद, चित्रकूट, विंध्याचल, सारनाथ जैसे प्रमुख प्रसिद्ध धार्मिक स्थलो का घर है जो अपने मंदिरों के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते है । उत्तर प्रदेश भारत की वह जगह है जिसे भगवान राम और कृष्ण ने जन्मभूमि के नाम से भी जाना जाता है।
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उत्तर प्रदेश की पावन भूमि भगवान राम और कृष्ण की श्रद्धा में डूबी हुई है जो प्रतिबर्ष लाखो श्रद्धालुयों को अपनी और आकर्षित करती है। बता दे उत्तर प्रदेश सिर्फ अपने प्रसिद्ध मंदिरों लिए प्रसिद्ध नही है, बल्कि यह पवित्र भूमि इलाहाबाद के प्रसिद्ध कुंभ मेले और माघ मेले के लिए भी जानी जाती है। यदि आप उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना रहे है या उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों और प्रसिद्ध मंदिरों के बारे जानने के लिए उत्साहित है तो आप उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों के बारे में जान सकेगें-
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वाराणसी
उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा नदी के किनारे स्थित वाराणसी उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। वाराणसी एक ऐसा शहर है जो हिंदुयों के लिए भारत के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। यह निर्मल शहर देश भर में अपने कई प्राचीन मंदिरों की वजह से प्रसिद्ध है, इस जगह पर आकर यहाँ के मंदिरों के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु अपने आप को बेहद हल्का महसूस करते हैं। वाराणसी में कई विशाल मंदिरों अलावा यहां कई घाट और कई पर्यटन स्थल भी हैं जो यहां आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियो को आकर्षित करते हैं।
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काशी विश्वनाथ मंदिर
Kashi Vishwanath Temple
काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी और उत्तर प्रदेश के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक हैं जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में विराजित शिव की ज्योतिर्लिंग देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसकी वजह से इस मंदिर को वाराणसी का एक खास मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में प्रतिदिन 3,000 भक्त आते हैं और खास उत्सव पर इस मंदिर में आने वाले लोगों की संख्या 1,00,000 तक हो जाती है।
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं इतना सारा प्यार हमारी तरफ से अमित कुमार
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तुलसी मानसा मंदिर
Tulsi Manasa Temple
भगवान राम को समर्पित तुलसी मानसा मंदिर वाराणसी के प्रमुख मंदिरों में एक हैं, जिसे964 में बनवाया गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दे इस मंदिर का नाम संत कवि तुलसी दास के नाम पर रखा गया था और माना जाता है कि यह वही जगह है जहां पर तुलसीदास ने हिंदी भाषा की अवधी बोली में हिंदू महाकाव्य रामायण लिखी थी। इसके अलावा इस मंदिर में जुलाई – अगस्त के महीनों में कठपुतलियों का एक विशेष खेल प्रदर्शन होता है, जिसका संबंध रामायण से होता है जो बड़ी संख्या में श्रद्धालुयों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
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उत्तर प्रदेश
दशाश्वमेध घाट – Dashashwamedh Ghat
दशाश्वमेध घाट वाराणसी में गंगा नदी पर स्थित मुख्य घाट है, जो अपनी आध्यात्मिकता के लिए उत्तर प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है। इस घाट की खास बात यह है कि इस कि यहां पर भगवान ब्रह्मा ने एक यज्ञ किया था, जिसमें उन्होंने 10 घोड़ों की बलि दी थी। जिसकी वजह से इसका नाम दशाश्वमेध पड़ा। दशाश्वमेध वाराणसी के खास दर्शनीय स्थलों में से एक है जहां पर कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। इस घाट पर शाम को गंगा आरती का आयोजन होता है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। अगर आप उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों के दर्शन करने जा रहे हैं तो आप दशाश्वमेध घाट जरुर देखने जाए और गंगा आरती का आनंद लें।
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उत्तर प्रदेश
संकट मोचन मंदिर – Sankat Mochan Mandir
बनारस में स्थित संकट मोचन मंदिर शक्तिशाली भगवान हनुमान को समर्पित है। जब भी कोई तीर्थयात्री बनारस की यात्रा के लिए आता है तो वो अपनी समस्याओं से मुक्ति पाने और हनुमान जी के दर्शन करने इस मंदिर में जरुर आता है। संकट मोचन का अर्थ होता है संकट को मिटाने वाला। यहां आने वाले भक्तों का विश्वास होता है कि हनुमान जी उनकी समस्याओं को दूर कर देंगे। इस मंदिर में आप भक्तों को भगवान् के मंत्रो का जाप करते हुए देख सकते हैं।
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उत्तर प्रदेश
कालभैरव मंदिर – Kaal Bhairav Mandir
वाराणसी के सबसे पुराने और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक कालभैरव मंदिर भगवान शिव के सबसे आक्रामक और विनाशकारी रूप को समर्पित है। कालभैरव मंदिर 17 वीं शताब्दी ईस्वी में बनाया गया था जिसके बारे में कहा जाता है, कि यह अपने भक्तों की सभी समस्याओं को दूर करता है। यदि आप उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा पर जाने वाले है तो आपको अपनी यात्रा में शिव जी के इस मंदिर के दर्शन करने के लिए जरुर जान चाहिए।
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उत्तर प्रदेश
डंडी राज गणेश मंदिर – Dundi Raj Ganesh Temple
डंडी राज गणेश मंदिर वाराणसी के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जो काशी विश्वनाथ मंदिर की गली में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं, उन्हें सभी प्रकार की चिंताओं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। जानकारों की माने तो जब भगवान शिव काशी आये थे तब उनके पुत्र भगवान गणेश ने उनका अनुसरण किया था और कुछ समय के लिए यही बस गए थे।
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वाराणसी के अन्य प्रसिद्ध मंदिर
भारत माता मंदिर शहर
संकटा देवी मंदिर
ललिता गौरी मंदिर
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उत्तर प्रदेश
वाराणसी सारनाथ मंदिर बनारस
वाराणसी से 13 किमी की दूरी पर स्थित सारनाथ भारत में प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। वाराणसी के आस-पास घूमने वाली जगहों में यह एक बेहद खास स्थान है। काशी के घाटों और गलियों में घूमने के बाद आप इस जगह आकर एकांत में शांति का अनुभव कर सकते हैं। माना जाता है कि बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने बाद भगवान बुद्ध अपने पूर्व साथियों की तलाश में सारनाथ आये थे और उन्होंने यहां अपना पहला उपदेश दिया था। सारनाथ के लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में चौखंडी स्तूप, अशोक स्तंभ, धमेख स्तूप, पुरातत्व संग्रहालय, मूलगंध कुटी विहार, चीनी, थाई मंदिर और मठ शामिल हैं।
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उत्तर प्रदेश
मथुरा – Mathura
मथुरा भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है जिसे भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। युमना नदी के किनारे बसा हुआ मथुरा उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जिसका वर्णन प्राचीन हिंदू महाकाव्य रामायण में भी मिलता है। इसके साथ ही इस पवित्र जगह के अपने कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी हैं। मथुरा पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के घूमने के लिए भारत के सबसे पसंदीदा धार्मिक स्थलों में से एक है जहां पर कई धार्मिक मंदिर और तीर्थस्थल भी हैं जो श्र्धालुयों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है।
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उत्तर प्रदेश
कृष्ण जन्म भूमि मंदिर – Krishna Janma Bhoomi Mandir
कृष्ण जन्म भूमि मंदिर उत्तर प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जिसे हिंदू देवता भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। भगवान कृष्ण विष्णु के 8 वें अवतार थे, जो मथुरा में एक जेल की कोठरी में पैदा हुए थे। अब उस जेल की कोठरी वाले स्थान पर एक मंदिर है, जहाँ पर हर साल लाखों पर्यटक और श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। कृष्ण जन्म भूमि मंदिर मथुरा के सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक हैं यहाँ पर हर साल जन्माष्टमी और होली के त्योहार के समय भारी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं।
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उत्तर प्रदेश
द्वारकाधीश मंदिर – Dwarkadhish Temple
द्वारकाधीश मंदिर मथुरा का एक नया मंदिर है जिसका निर्माण लगभग 150 साल पहले भगवान कृष्ण के एक भक्त ने करवाया था। वर्तमान में यह मंदिर मथुरा और उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में से एक है जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु द्वारकाधीश के दर्शन के लिए मंदिर में आते है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति को “द्वारका के राजा” रूप में सजाया गया है और उन्हें यहाँ बिना मोर के पंख और बांसुरी के साथ दिखाया गया है। साथ ही यह मंदिर मानसून की शुरुआत में अपने अद्भुत झूले उत्सव के लिए भी जाना-जाता है।
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उत्तर प्रदेश
राधा कुंड – Radha Kund
राधा कुंड मथुरा का एक बहुत ही प्रसिद्ध शहर है जिसको भारत में वैष्णवों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थान माना जाता है। यह शहर मथुरा के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक हैं। राधा कुंड का इतिहास राधा और कृष्ण के दिनों का है जो उनके प्रेम के बारे में बताता है। और यहाँ हर साल हजारों तीर्थ यात्री और पर्यटक अपने प्रेम की मोनोकामना लेकर राधा कुंड आते हैं।
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उत्तर प्रदेश
गोवर्धन पहाड़ी – Govardhan Hill
गोवर्धन हिल मथुरा से 22 किमी दूर वृंदावन के पास स्थित है जो यहां आने वाले पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। इस पहाड़ी का उल्लेख हिंदू धर्म के कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है और इसे वैष्णवों के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। इस पर्वत को बेहद पवित्र माना जाता है और गुरु पूर्णिमा के मौके पर गोवर्धन पूजा में भक्तों द्वारा इस पर्वत 23 किलोमीटर नंगे पैर पैदल चलकर चक्कर लगाते हुए भक्ति यात्रा की जाती है। भगवान कृष्ण ने अपने गाँव को बचाने के बाद सभी लोगों से इस पहाड़ी की पूजा करने के लिए कहा था, यही कारण है कि आज भी दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा जरुर की जाती है।
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उत्तर प्रदेश
रंगजी मंदिर – Rangji Temple Mathura
उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों के रूप में जाने जाना वाला रंगजी मंदिर वृंदावन में मथुरा मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर भगवान श्री गोदा रणगामणार को समर्पित है जो कि भगवान विष्णु के एक अवतार है। बता दे मंदिर का मुख्य आकर्षण गोडा (अंडाल) के साथ दूल्हा के रूप में मौजूद कृष्ण की मूर्ति है जो श्रद्धालुयों को काफी आकर्षित करती है । इसके अलावा रंगजी मंदिर वैष्णवों के 108 दिव्यांगों में भी शामिल है।
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उत्तर प्रदेश
मथुरा के अन्य धार्मिक स्थल – Other Religious Places In Mathura
कुसुम सरोवर
बरसाना
मथुरा के घाट
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उत्तर प्रदेश
वृंदावन – Vrindavan Dham
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वृंदावन धाम उत्तर प्रदेश का एक और प्रमुख धार्मिक स्थल है बता दे यह वही स्थान जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने अपना बचपन बिताया था। यह शहर मथुरा से लगभग 10 किमी दूर है, आगरा-दिल्ली राजमार्ग (Nh 2) पर कृष्ण की जन्मस्थली है। वृंदावन धाम राधा और कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है और कई मंदिरों की मेजबानी करता है। वृंदावन को वैष्णववाद द्वारा पवित्र माना जाता है। वैसे तो वृंदावन धाम में पूरे वर्ष भर पर्यटक आते हैं लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी के समय कृष्ण की बाल लीलाओं और झांकियों को देखने के लिए यहां भारी भीड़ जुटती है।
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उत्तर प्रदेश
बांके बिहारी मंदिर – Banke Bihari Mandir
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पवित्र शहर वृंदावन में स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर हिंदू धर्म का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। बता दें कि श्री बांके बिहारी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यह देश के सबसे प्रसिद्ध सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी मंदिर एक ऐसा मंदिर है जिसमें स्थित मूर्ति श्रीकृष्ण और राधारानी का एकाकार रूप है। भगवान कृष्ण का यह मंदिर वृंदावन के ठाकुर जी (कृष्ण ) के 7 मंदिरों में से एक है जिसमें श्री राधावल्लभ जी, श्री गोविंद देव जी और अन्य चार मंदिर और शामिल हैं।
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उत्तर प्रदेश
प्रेम मंदिर वृंदावन धाम
प्रेम मंदिर उत्तर प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो अपनी भव्यता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। आपको बता दें की इस मंदिर को आकार जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने वर्ष 2001 में आकार दिया था। वृंदावन का प्रेम मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो राधा कृष्ण और सीता राम को समर्पित है। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित इस मंदिर की यात्रा करने के लिए दूर दूर से भक्त यात्रा करते हैं और आरती के समय इस मंदिर में भक्तों की बड़ी भीड़ देखी जाती है।
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उत्तर प्रदेश
इस्कॉन मंदिर वृंदावन – Iskcon Temple
इस्कॉन मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा शहर के वृंदावन में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम को समर्पित है, इसी कारण इस मंदिर को कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह वृंदावन के सभी मंदिरों में सबसे भव्य है जिसकी सुंदरता देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक यहां आते हैं। मंदिर के अंदर की नक्काशी, पेंटिंग और चित्रकारी बहुत मनमोहक है और भगवान के जीवन का वर्णन करती है। मंदिर के अंदर लोग पूजा पाठ करने के बाद अलग तरह की शांति का अनुभव करते हैं।
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उत्तर प्रदेश
गोपेश्वर महादेव मंदिर – Gopeshwar Mahadev Temple
वृंदावन नगरी में स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश का एक और प्रमुख मंदिर है जो यहाँ के सबसे पुराने मंदिरों में से एक हैं। गोपेश्वर महादेव मंदिर वंशी बट और यमुना नदी के तट पर स्थित है जोकि भगवान भोलेनाथ को समर्पित हैं। गोपेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए हजारों भक्त वृंदावन आते हैं। वृंदावन आने वाले भक्त भगवान शिव के मंदिर पूजा अर्चना बहुत ही धूम धाम से करते हैं और भगवान शिव के दर्शनों का लाभ उठाते हैं।
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उत्तर प्रदेश
शाहजी मंदिर – Shahji Temple
वृंदावन और उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में से एक शाहजी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। बता दे यह शाहजी मंदिर का निर्माण 1876 में शाह कुंदन लाल ने करवाया था। संगमरमर से बने इस मंदिर के मुख्य देवता को छोटा राधा रमण के नाम से जाना जाता है। शाहजी मंदिर वृंदावन का एक प्रमुख मंदिर होने के साथ साथ वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है जो श्रद्धालुयों और कला प्रेमियों दोनों को समान रूप से आकर्षित करता है।
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वृंदावन के अन्य प्रमुख मंदिर
श्री राधा रमण मंदिर वृंदावन
श्री रघुनाथ मंदिर
कात्यायनी शक्तिपीठ वृन्दावन
गोविंद देवजी मंदिर
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उत्तर प्रदेश
इलाहाबाद – Allahabad (old)
or
प्रयागराज (new name city)
प्रयाग या प्रयागराज के स्थान के रूप में नामित, इलाहाबाद को देश में हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यह शहर गंगा, यमुना और सरस्वती तीन नदियों के संगम का घर है। कहा जाता है कि यह महाभारत के काल से अस्तित्व में है, जब इसे कौशाम्बी कहा जाता था। चूंकि यह शहर हिंदू पौराणिक कथाओं से संबंधित है, इसलिए इसे देश के पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है।
आज, यह एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र है और दुनिया भर के पर्यटकों द्वारा अक्सर देखा जाता है। यह वह स्थान भी है जहां दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। तीर्थस्थल ही नहीं बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी प्रयागराज (इलाहाबाद) भारत में सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
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इलाहाबाद – Allahabad (old)
or
प्रयागराज (new name city)
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प्रयागराज के प्रमुख मंदिर
कुंभ मेला – kumbh Mela
दुनिया में तीर्थयात्रियों के सबसे बड़े जमावड़े के रूप में माना जाने वाला कुंभ मेला हिंदू धर्म के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। चार अलग-अलग क्षेत्रों में आयोजित होने वाले कुंभ मेले में, बड़ी संख्या में हिंदू पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए मेले में पहुंचते हैं, कुंभ मेले में स्नान करने का अर्थ पापों से मुक्ति पाकर जीवन में पवित्रता लाना होता है। हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में कुंभ मेला हर तीन साल के अन्तराल में आयोजित किया जाता है, इस प्रकार प्रत्येक गंतव्य पर हर बारह साल में एक बार कुंभ मेला लगता है। इलाहाबाद में कुंभ मेला, त्रिवेणी संगम के रूप में जाने वाली गंगा, यमुना और सरस्वती की तीन पवित्र नदियों के संगम स्थल प्रयाग में आयोजित किया जाता है।
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उत्तर प्रदेश
प्रयागराज के प्रमुख मंदिर
त्रिवेणी संगम – Triveni Sangam
उत्तर प्रदेश के सबसे पवित्र स्थानों में से एक, त्रिवेणी संगम इलाहाबाद में सिविल लाइन्स (प्रयागराज) से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वास्तव में यह तीन नदियों – गंगा, यमुना, और सरस्वती का मिलन बिंदु है (जो एक पौराणिक नदी है, माना जाता है कि यह 4,000 साल से अधिक पहले सूख गई थी)। गंगा, यमुना, और सरस्वती तीनों नदियाँ भारतीय पौराणिक कथाओं में बहुत पूजनीय नदियाँ हैं और इसलिए इन नदियों का संगम बिंदु धार्मिक महत्व रखता है। यह उन स्थानों में से एक है जहां हर 12 साल में एक बार कुंभ मेला आयोजित किया जाता है। मेले की सही तारीख हिंदू कैलेंडर यानि पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और आपको पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त किया जाता है। यदि आप गंगा और यमुना के बहते पानी में नाव की सवारी करते हैं, तो आप दो नदियों के पानी के रंगों में अंतर कर पाएंगे।
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बड़े हनुमान मंदिर – Bade Hanuman Temple
बड़े हनुमान मंदिर इलाहाबाद के साथ साथ उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में से एक है। बता दे यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है जो इलाहाबाद के संगम क्षेत्र में स्थित है। मंदिर का निर्माण जमीन के नीचे किया गया है और भगवान हनुमान की मुद्रा पीछे की ओर झुकी हुई है। यह मंदिर शहर का एक लोकप्रिय तीर्थ स्थान है जहाँ मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से भक्तों की भीड़ देखी जाती है। यदि आप अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों की यात्रा पर है तो आपको इलाहाबाद के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बड़े हनुमान मंदिर में हनुमान जी के दर्शन और उनका आश्रीबाद प्राप्त करने के लिए मंदिर की यात्रा अवश्य करनी चाहिये।
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उत्तर प्रदेश
अलोपी देवी मंदिर – Alopi Devi Temple
इलाहाबाद के अलोपीबाग में स्थित अलोपी देवी का मंदिर उत्तर प्रदेश का एक और प्रमुख मंदिर है। अलोपी देवी मंदिर हिंदुओं के लिए एक बहुत ही पूजनीय मंदिर है। मंदिर इस मायने में अनोखा है कि इसमें कोई भी विराजमान देवता नहीं है, बल्कि एक लकड़ी का रथ या डोली है जिसकी पूजा अधिकतर भगवान शिव के भक्त करते हैं।
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उत्तर प्रदेश
मनकामेश्वर मंदिर
इलाहाबाद में सरस्वती घाट के आसपास के क्षेत्र में यमुना नदी के तट पर स्थित मनकामेश्वर मंदिर उत्तर प्रदेश का एक और प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। शिव के रूप में शिवलिंग से घिरे, मंदिर में प्रतिदिन स्थानीय श्रद्धालुयों की भीड़ देखी जाती है लेकिन विशेष रूप से सोमवार और नवरात्रि के दौरान तीर्थयात्रियों की विशाल भीड़ देखी जाती है।
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उत्तर प्रदेश
ऑल सेंट कैथेड्रल – All Saints Cathedral Chruch
इलाहाबाद अपने प्रसिद्ध मंदिरों और विश्व प्रसिद्ध मेले के साथ साथ प्राचीन चर्च के लिए भी जाना जाता है जो हिन्दू तीर्थ यात्रियों और क्रिश्चियन अनुआयियों को समान रूप से आकर्षित करता है। ऑल सेंट्स कैथेड्रल इलाहाबाद का एक प्राचीन चर्च है जिसे 19 वीं शताब्दी के अंत में निर्मित किया गया था। एम जी मार्ग में स्थित ऑल सेंट्स कैथेड्रल इलाहाबाद का एक शानदार क्रिश्चियन चर्च है जिसे गोथिक शैली की वास्तुकला में निर्मित किया गया हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे ऑल सेंट्स कैथेड्रल पूरी दुनिया में सबसे सुंदर चर्चों में से एक है जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र के रूप में कार्यरत है।
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माघ मेला – Magh Mela .
माघ मेला प्रसिद्ध कुंभ मेले का छोटा संस्करण है, जो हर साल आयोजित किया जाता है। इलाहाबाद के पास प्रयाग में तीन महान भारतीय नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर जगह-जगह मेला हर साल माघ के हिंदू महीने में आयोजित किया जाता है और हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
आप सभी को नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं
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उत्तर प्रदेश
अयोध्या – Ayodhya
अयोध्या भारत का एक प्राचीन शहर और उत्तर प्रदेश का प्रमुख धार्मिक स्थल है जिसे हिंदू महाकाव्य रामायण की स्थापना के रूप में जाना जाता है। अयोध्या को भगवान खासतौर पर राम के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। अयोध्या उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में सरयू नदी के तट पर स्थित है, जो कोसल के प्राचीन साम्राज्य की राजधानी थी। बता दें कि अयोध्या का नाम हिंदू धर्म के 7 सबसे पवित्र शहरों में शामिल है और माना जाता है कि इसका इतिहास करीब 9000 साल पुराना है। भले ही अयोध्या को राम का जन्म स्थान माना जाता है, लेकिन लगभग एक दशक से यह कई विवादों से घिरा हुआ है। अयोध्या आज भी राम जन्म भूमि और यहां स्थित कई मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में यात्री जाते हैं।
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उत्तर प्रदेश
अयोध्या के प्रमुख मंदिर
रामजन्म भूमि – Ram Janma Bhoomi
रामजन्म भूमि अयोध्या में सबसे पवित्र जगहों में से एक है। रामजन्म भूमि वह जगह है जहां पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था और एक मंदिर भी बना था। बताया जाता है कि राम मंदिर को मुग़ल शासक बाबर के आदेशों पर नष्ट कर दिया गया था और इसके बाद यहां पर एक मस्जिद का निर्माण करवाया गया है, जिसका विवाद आज तक चल रहा है।
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उत्तर प्रदेश
हनुमान गढ़ी – Hanuman Garhi
हनुमान गढ़ी अयोध्या के साथ साथ उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। हनुमान गढ़ी हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर है, जिसका अपना एक अलग धार्मिक महत्व है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जिसे 10 वीं शताब्दी में बनवाया था। मंदिर तक पहुंचने के लिए यात्रियों को 76 सीढ़ी से होकर जाना होता है। यहां मंदिर में स्थित हनुमान जी की मूर्ति भक्तों का स्वागत करती है। हिंदू धर्म के लोग बड़ी संख्या में इस मंदिर की यात्रा करने के लिए आते हैं और हनुमान जी के दर्शन करने के साथ ही अपने पापों से मुक्ति के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
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उत्तर प्रदेश
त्रेता के ठाकुर – Treta Ke Thakur
त्रेता के ठाकुर अयोध्या में सरयू नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान राम की मूर्तियों को रखा गया है जो प्राचीन समय में काले रेत के पत्थरों से उकेरी गई थीं। इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह वही जगह है जहां पर श्री राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था। अगर आप उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं तो आपको इस पवित्र मंदिर के दर्शन के लिए जरुर जाना चाहिए।
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उत्तर प्रदेश
कनक भवन – Kanak Bhawan
कनक भवन अयोध्या का प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां पहले एक अन्य मंदिर था। जिसके बारे कहा जाता है कि इस मंदिर को भगवान राम की सौतेली माँ कैकेयी ने विवाह के बाद सीता को दिया था। बता दें कि बाद में इस मंदिर का परमारा वंश के राजा विक्रमादित्य पुननिर्माण किया गया था जिसे 1891 में फिर से बनाया गया। कनक भवन अयोध्या में सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है जहाँ की अद्भुत वास्तुकला हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
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उत्तर प्रदेश
सीता की रसोई मंदिर – Sita Ki Rasoi
सीता की रसोई अयोध्या के राजकोट में राम जनमस्थान के उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित है जो यहां की एक देखने लायक जगह है। यह मंदिर के कोने में स्थित प्राचीन रसोई का के मॉडल है जिसमें नकली बर्तन, रोलिंग प्लेट और रोलिंग पिन है। मंदिर परिसर के दूसरे छोर पर चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न और उनकी पत्नी सीता, उर्मिला, मांडवी और श्रुतकीर्ति की मूर्तियाँ भी हैं। आपको बता दें कि यह सभी मूर्तियां बहुत अच्छी तरह से कपड़े और आभूषण से सजी हुई हैं।
अयोध्या के अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल
नागेश्वरनाथ मंदिर
दशरथ भवन
गुप्तार घाट
तुलसी स्मारक भवन
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उत्तर प्रदेश
MODINAGAR
MODINAGAR
MODINAGAR
लक्ष्मी नारायण मोदी मंदिर
मोदीनगर की स्थापना उत्तरप्रदेश के एक प्रसिद्ध व्यवसायी सेठ गुजार मल मोदी ने की थी। गाजियाबाद से 25 किमी उत्तर-पूर्व दिल्ली-मैसूरी नेशनल हाइवे 58 पर स्थित मोदीनगर शहर अपेक्षाकृत नया है। 1975 में जब गाजियाबाद जिला बना तब मोदीनगर को तहसील घोषित किया गया। यहां 19वीं शताब्दी का एक मंदिर भी है, जिसका निर्माण रानी बाला बाई सिंधिया ने करवाया था। मोदी परिवार ने यहां कई उद्योगो की स्थापना की थी। 1933 में उन्होंने यहां एक चीनी उद्योग की स्थापना की। शुरू-शुरू में मोदीनगर 571 एकड़ जमीन में बसा था। उस समय यह ऐतिहासिक शहर बेगमाबाद का हिस्सा हुआ करता था, जिसकी स्थापना नवाब जफर अली ने किया था। उनकी पत्नी (बेगम) के निधन के बाद इस शहर का नाम बेगमाबाद पड़ा। मोदीनगर में मोदी के द्वारा निर्मित एक प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण मोदी मंदिर भी है। स्थानीय लोगों में यह सिर्फ मोदी मंदिर के नाम से जाना जाता है। नेशनल हाइवे 58 पर बना यह मंदिर 15.2 एकड़ में फैला हुआ है।
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उत्तर प्रदेश
चित्रकूट – Chitrakoot
चित्रकूट धाम उत्तर विंध्य रेंज में स्थित एक छोटा सा धार्मिक पर्यटक स्थल है। यह धार्मिक स्थल उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट और मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिलों में स्थित है। चित्रकूट हिंदू पौराणिक कथाओं और महाकाव्य रामायण की वजह से बहुत अधिक महत्व रखता हैं इसी वजह प्रत्येक बर्ष लाखो श्रद्धालु इस पवित्र भूमि का दौरा करते है। पौराणिक कथाओं से पता चलता हैं कि अपने निर्वासन के समय में भगवान राम, माता सीता और श्री लक्ष्मण ने 14 में से 11 वर्ष का वनवास इसी स्थान पर गुजारा था और आज यहाँ उन्ही देवतायों को समर्पित अनेको मंदिर स्थापित है।
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उत्तर प्रदेश
चित्रकूट – Chitrakoot
चित्रकूट के प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल
राम घाट – Ram Ghat
रामघाट चित्रकूट के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। राम घाट मंदाकनी नदी के किनारे पर बना हुआ हैं पौराणिक कथाओं के अनुसार माने तो राम घाट वह घाट है जहाँ वनवास काल के समय में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने इस जगह पर कुछ समय व्यातीत किया था। रामघाट चित्रकूट में सभी धार्मिक गतिविधियों और सबसे लोकप्रिय स्नान घाट का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि रामघाट पर डुबकी लगाने से सभी पापों का नाश हो जाता था। इसी कारण राम घाट तीर्थ यात्रियों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।
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उत्तर प्रदेश
अनुसुइया आश्रम – Sati Anusuya Ashrama
उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में से एक अनुसुइया आश्रम चित्रकूट से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगल में स्थित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि अत्रि अपनी पत्नी अनुसूया और तीन पुत्रों के साथ इस स्थान पर निवास करते थे। भगवान राम ने देवी सीता के साथ इस स्थान का दौरा किया था और देवी अनुसुइया ने इसी स्थान पर सीता जी को सतित्त्व का महत्व बताया था। चित्रकूट आने वाले पर्यटक इस पावन स्थान का दौरा करते हैं।
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उत्तर प्रदेश
हनुमान धारा – Hanuman Dhara
चित्रकूट धाम के दर्शनीय स्थलों में हनुमान धारा एक प्रमुख पर्यटक स्थल हैं जोकि चित्रकूट पर्यटन स्थल से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर चित्रकूट के जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित हैं। यह स्थान हनुमान जी महाराज को समर्पित हैं और हनुमान जी के दर्शन करने के लिए सलानियों 360 सीढ़ियां चढ़के जाना होता है। चित्रकूट में भगवान राम की गाथाओं से पता चलता हैं कि लंका में आग लगाने के बाद बजरंग बलि ने इस पहाड़ी पर छलांग लगाई थी और अपनी गुस्सा को शांत करने के लिए इस धारा के ठन्डे पानी में खड़े होकर अपनी गुस्सा को शांत किया था। इसलिए चित्रकूट धाम की इस धारा को हनुमान धारा के नाम से जाना जाता है।
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उत्तर प्रदेश
भरत मिलाप मंदिर – Bharat Milap Mandir
भरत मिलाप मंदिर चित्रकूट के साथ साथ उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जोकि परम कुटीर के नजदीक स्थित हैं। बता दे यह वह स्थान जहाँ भगवान राम और भरत जी का मिलाप हुआ था, यह मिलाप इस स्थान पर उस समय हुआ था जब भरत भगवान राम के वन जाने के बाद उनसे मिलने के लिए यहां आते हैं। भरत मिलाप की इस कथा के साथ ही भगवान राम के पद चिन्हों के निशान आज भी इस स्थान पर मौजूद हैं जिनके दर्शन के लिए हर सालो हजारों श्रद्धालु भरत मिलाप मंदिर आते है।
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उत्तर प्रदेश
जानकी कुण्ड – Janki Kund
चित्रकूट के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल जानकी कुंड मंदाकनी नदी का एक सुंदर किनारा हैं। इस किनारे पर सीढियां बनी हुई हैं और यहां पर मिलने वाले पैरों के चिन्हों को माता जानकी के पैरो के निशान माने जाते हैं। भगवान राम के वनवास के दौरान यह स्थान माता जानकी का सबसे पसंदीदा स्थान था। जानकी कुंड के पास ही राम जानकी मंदिर बना हुआ हैं और यहां हनुमानी जी की विशाल मूर्ती के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
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उत्तर प्रदेश
चित्रकूट के अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल
दंतेवाड़ा मां काली मंदिर
कामदगिरी पर्वत
स्फटिक शिला
परम कुटी
भरत कूप
लक्ष्मण चौकी
राम सिया गांव
वाल्मीकि आश्रम
मयूरध्वज आश्रम
सुतीक्ष्ण आश्रम
शबरी फाल्स
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उत्तर प्रदेश
सारनाथ – Sarnath
सारनाथ उत्तर प्रदेश राज्य में बौद्ध तीर्थयात्रा के लिए एक बहुत ही पवित्र स्थल है। सारनाथ राज्य की घनी आबादी के बीच एक शांत और आध्यात्मिक शहर है जो कई बौद्ध स्तूपों, संग्रहालयों, प्राचीन स्थलों और खूबसूरत मंदिरों के साथ ऐतिहासिक शहर है। वाराणसी से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर होने के कारण सारनाथ हमेशा भक्तों से भरा रहता है। बता दें यह शहर बौद्ध, जैन और हिंदुओं के लिए एक आदर्श तीर्थ स्थल है। सारनाथ बौद्धों का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है जो विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों, वास्तु चमत्कारों के साथ पूरी तरह से शांत नज़र आता है। यह वो जगह है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपने पहले धर्मोपदेश का प्रचार किया, सारनाथ उत्तर प्रदेश का प्रमुख तीर्थस्थल होने के साथ साथ लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण भी रहा है और यह अपने सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ रहस्यों के लिए भी जाना जाता है।
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उत्तर प्रदेश
सारनाथ के प्रमुख बौद्ध स्थल और मंदिर
चौखंडी स्तूप – Chaukhandi Stupa
चौखंडी स्तूप को पूरे उत्तर प्रदेश के सभी पवित्र तीर्थ स्थलों में सबसे पवित्र और पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला स्तूप बताया जाता है। चौखंडी स्तूप को बौद्ध संस्कृति के सबसे दिव्य और महत्वपूर्ण स्मारकों में से एक माना जाता है। इस स्तूप का निर्माण ठीक उसी जगह पर किया गया है, जहाँ महान भगवान बुद्ध की मुलाकात अपने पांच तपस्वियों से हुई थी। अगर आप इस जगह पर जायेंगे तो यहां चारों ओर से घेरी हुई हवा में भी आपको स्मारक की दिव्यता महसूस होगी। यदि आप उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाने वाले है तो आपको सारनाथ के प्रसिद्ध बौद्ध स्थलों में से एक चौखंडी स्तूप अवश्य जाना चाहिये। यकीन मानिये चौखंडी स्तूप जाने के बाद आपको को एक अलग शांति की प्राप्ति होती है जो बेहद अद्भुद है।
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उत्तर प्रदेश
थाई मंदिर – Thai Temple Sarnath
थाई मंदिर सारनाथ में एक प्रसिद्ध आकर्षण जो यहां की वास्तुकला की शैली को प्रदर्शित करता है। बता दें कि यह मंदिर सुंदर बगीचों के बीच बना हुआ है, जो यहां आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियो के आकर्षण का केंद्र है यहां पर बौद्ध भिक्षुओं द्वारा शांत और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान किया जाता है।
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उत्तर प्रदेश
तिब्बती मंदिर – Tibetan Temple
तिब्बती मंदिर सारनाथ के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है इस मंदिर को थांग्सा से सजाया गया है, जो तिब्बती बौद्ध चित्र हैं। इस मंदिर में शाक्यमुनि बुद्ध की एक मूर्ति है। यहां मंदिर की ईमारत के बाहर आप प्रार्थना पहियों को देख सकते हैं जिन्हें घड़ी की दिशा में घुमाया जाता है आपको बता दें कि इस मंदिर में थाईलैंड, तिब्बत, चीन, और जापान से भारी संख्या में तीर्थ यात्री और बौद्ध विद्वान आते हैं।
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उत्तर प्रदेश
अशोक स्तंभ – Ashoka Pillar
अशोक स्तंभ, भारत का राष्ट्रीय प्रतीक और सम्राट अशोक की सारनाथ की यात्रा का एक प्रतीक है। अशोक स्तंभ पत्थर से निर्मित एक प्रभावशाली संरचना है, जिसके शीर्ष पर चार शेर हैं। धम्मेक स्तूप के साथ यह 50 मीटर लंबा स्तंभ अशोक द्वारा बौद्ध धर्म के लिए का उपहार है। अशोक स्तंभ के परिसर में आप कई भिक्षुओं को ध्यान करते हुए देख सकते हैं पूरा परिसर हरे-भरे लॉन से भरा हुआ है जो यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। बता दें कि भारत का सबसे पुराना पुरातात्विक संग्रहालय इस परिसर की परिधि में बनाया गया है। यहाँ स्थित धम्मेक स्तूप बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, यहाँ पर भगवान बुद्ध ने पहली बार अपने पाठों का प्रचार किया था।
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उत्तर प्रदेश
विंध्याचल – Vindhyachal
विंध्याचल उत्तर प्रदेश एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है जो मिर्जापुर और वाराणसी के करीब स्थित है। यह शहर पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है और लोग यहाँ पर देवी गंगा से प्रार्थना करने के लिए आते हैं। शहर में अनगिनत भक्तों को भी देखा जाता है जो तीनों महत्वपूर्ण मंदिरों विंध्यवासिनी, अष्टभुजा और काली खोह मंदिरों को कवर करने के लिए यहां आते हैं। पूरे वर्ष यहाँ और विशेष रूप से नवरात्र के दौरान तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ होती है, जब पूरे शहर को दीया और फूलों और पवित्र मंत्रों से सजाया जाता है।
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उत्तर प्रदेश
विंध्याचल के प्रमुख मंदिर – Famous Temples Of Vindhyachal
विन्ध्यवासिनी मंदिर – Vindhyavasini Temple
विन्ध्यावासनी देवी मंदिर विंध्याचल के साथ साथ उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में से एक है जो देवी दुर्गा को समर्पित है। बता दे विंध्यवासनी देवी दुर्गा बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए जानी जाती है। विंध्याचल वह स्थान हैं जहां देवी दुर्गा और दानव राजा महिषासुर के बीच बहुत भायंकर युद्ध हुआ था जिसमे देवी दुर्गा ने महिषासुर देत्य का बध करके मानव जाती की रक्षा की और श्रेष्टी को पाप मुक्त किया था। वैसे तो मंदिर में बर्ष भर श्रद्धालुयों की की भीड़ देखी जाती है लेकिन यहाँ का सबसे दिलचस्प नजारा नवरात्री के अवसर पर होता है जब पूरे शहर को नव देवी की पूजा, अर्चना और भक्ति के लिए दीयों, मंत्रो और फूलो से सजाया जाता हैं।
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काली खोह मंदिर – Kali Khoh Temple
उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों के रूप में सूचीबद्ध काली खोह मंदिर काली माँ को समर्पित है जो एक गुफा के रूप में निर्मित है। माना जाता है कि देवी काली ने राक्षस रक्तबीज का वध करने के लिए अवतार लिया गया था। रक्तबीज नामक दानव को वरदान प्राप्त था कि उनके रक्त की प्रत्येक बूंद से कई रक्तबीज उत्पन्न होंगे और इस विकट परिस्थिति में सभी देवताओं ने देवी की शरण में जाना उचित समझा। काली खोह मंदिर में देवी काली की खूबसूरत मूर्ती स्थापित है जिसके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यदि आप भी अपने परिवार या दोस्तों के साथ उत्तर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों की यात्रा पर है तो आपको अपनी यात्रा में काली खोह मंदिर में माता का आश्रीबाद लेने के लिए अवश्य जाना चाहिये।
अष्टभुजा मंदिर – Ashtabhuja Devi Temple
अष्टभुजा मंदिर देवी विंध्याचल का एक और प्रसिद्ध मंदिर है जो देवी सरस्वती को समर्पित है जोकि साहित्य, विद्या और ज्ञान की देवी हैं। माना जाता हैं कि अष्टभुजा देवी भगवान श्री कृष्ण की बहन के रूप में जन्म लिया था जिसे असुरराज कंस ने मारने की चेष्टा की लेकिन वह उनके हाथो से छूट कर आसमान में आकाशवाणी करने के बाद अदृष हो गई थी। इसी स्थान पर उनके कुछ साक्ष्य मिले और उन्हें यहा पूजा जाने लगा।
रामेश्वर महादेव मंदिर
विंध्याचल के प्रसिद्ध मंदिरों में एक रामेश्वर महादेव मंदिर मिर्जापुर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर रामेश्वर घाट पर स्थित है। यह मंदिर विंध्यवासिनी देवी मंदिर से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर है। प्राचीन कथाओं से पता चलता हैं कि इस मंदिर में भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया शिवलिंग विधमान हैं जो श्रद्धालुयों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।
विंध्याचल के अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल
संकट मोचन हनुमान मंदिर
सीता कुंड
कंकाली देवी मंदिर
jai hind
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नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। uu kaka
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नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। Amit
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नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। amit kuma in hindi
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नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रिamit kumar वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।
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नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।
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नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।
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नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। AMIT kumar singh ji ki
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नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इननवमी नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।
G K INDIA
WOMEN POWER
निम्नलिखित में से कौन भारत की पहली महिला शासिका थी ?
A) हमीदा बानो बेगम
B) महारानी लक्ष्मीबाई
C) मीरा बाई
D) राजिया सुल्तान
ANSWER= (D) राजिया सुल्तान
G K INDIA
त्रिपिटक ‘ जो एक धार्मिक ग्रंथ है इस ग्रंथ का संबंध किस धर्म से है ?
A) सनातन धर्म
B) सिख धर्म
C) बौद्ध धर्म
D) जैन धर्म
ANSWER= (C) बौद्ध धर्म